मां गंदा सा मफलर दे दे केजरीवाल बन जाऊं,
झाड़ू लेकर हाथ में तेरी भ्रष्टाचार मिटाऊं।
एक गंदा सा एक स्वेटर दे दे पहन के उसको जाऊं,
खांस-खांस कर सबसे बोलूं भ्रष्टाचार मिटाऊं।
पढ़-लिख कर क्या होगा मां तू रखदे सभी किताबें,
तू तो बस बाजार से मुझको टोपी एक दिलवा दे।
पढ़-लिखकर भी केजरीवाल बस एक नौकरी पाए,
लेकिन चमका तभी सितारा, जब झाड़ू अपनाए।
अन्ना जी के मंच पे चढ़कर कर दिया सबको ढीला,
बीजेपी को मात दे गए डर गईं इनसे शीला।
आज बैठकर दिल्ली में वो कर रहे हैं नौटंकी,
बिजली देंगे और पानी से भरेंगेसबकी टंकी।
टी.वी पर दिन रात दिख रहे, गुम शाहरुख-सलमान,
झाड़ू थाम के भी मिल सकता है गर इतना सम्मान।
तो फिर काहे रात को जग कर पढ़-पढ़ आंखें फोढ़ूं,
मैं भी क्यों न झाड़ू लेकर उनके साथ ही दौड़ूं....।।
झाड़ू लेकर हाथ में तेरी भ्रष्टाचार मिटाऊं।
एक गंदा सा एक स्वेटर दे दे पहन के उसको जाऊं,
खांस-खांस कर सबसे बोलूं भ्रष्टाचार मिटाऊं।
पढ़-लिख कर क्या होगा मां तू रखदे सभी किताबें,
तू तो बस बाजार से मुझको टोपी एक दिलवा दे।
पढ़-लिखकर भी केजरीवाल बस एक नौकरी पाए,
लेकिन चमका तभी सितारा, जब झाड़ू अपनाए।
अन्ना जी के मंच पे चढ़कर कर दिया सबको ढीला,
बीजेपी को मात दे गए डर गईं इनसे शीला।
आज बैठकर दिल्ली में वो कर रहे हैं नौटंकी,
बिजली देंगे और पानी से भरेंगेसबकी टंकी।
टी.वी पर दिन रात दिख रहे, गुम शाहरुख-सलमान,
झाड़ू थाम के भी मिल सकता है गर इतना सम्मान।
तो फिर काहे रात को जग कर पढ़-पढ़ आंखें फोढ़ूं,
मैं भी क्यों न झाड़ू लेकर उनके साथ ही दौड़ूं....।।
From: Piyusha Jha
Good. Liked it. Sharing it on FB :-)
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